प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल को सुरक्षा के लिहाज से बेहद सख्त माना जाता है, लेकिन हाल ही में जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल तब उठे जब डीआईजी राजेश श्रीवास्तव ने अचानक जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक की तलाशी ली गई, जहां से 1100 रुपये की नगदी बरामद हुई। जेल के भीतर कैश मिलने की बात सामने आते ही प्रशासन में खलबली मच गई।
इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जेल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह मामला सामने आने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
जेल के भीतर नगदी मिलने के बाद प्रशासन ने अब अली अहमद को नैनी जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। यह सेल जेल की बाकी बैरकों से काफी दूर स्थित है और इसे ‘फांसी घर’ भी कहा जाता है। यहां 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी और कड़ी सुरक्षा रहती है, जिसमें चार सुरक्षाकर्मी और कुछ नंबरदार हर वक्त तैनात रहते हैं।
बता दें कि इस ‘फांसी घर’ में पहले उन कैदियों को रखा जाता था जिन्हें अगले दिन फांसी दी जानी होती थी। अब तक यहां 14 दोषियों को फांसी दी जा चुकी है। हालांकि, अब फांसी पर रोक के बाद इसका इस्तेमाल कम होता है, लेकिन बेहद संवेदनशील बंदियों को यहीं रखा जाता है। अली अहमद, जो 30 जुलाई 2022 से नैनी जेल में बंद है, अब इसी हाई सिक्योरिटी बैरक में रहेगा। वर्तमान में उससे केवल उसके वकील ही मुलाकात कर सकते हैं।